Thursday, October 10, 2024

मैं तुझको पढ़ कर तेरी जबां में लिख रहा हूं

मैं फिर मादरी जबां में कुछ लिखना चाहता हूं


सिर्फ हमबिस्तर हो जाना काफी नहीं तेरा मेरा

मैं तुझे गले लगा कर खूब रोना चाहता हूं


सुना है तेरे शहर के रास्ते भुलभुलैया से है

तेरे शहर के रास्तों में खो जाना चाहता हूं


अगर नशे में हो तुझको भूल जाना मुमकिन

मैं मेरे आंगन में एक मैकदा बनाना चाहता हूं


~ विशाल

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