Sunday, December 31, 2023

दीवारों पर तुम्हारी तस्वीर वैसे ही है 

मेज पर तुम्हारे खत वैसे ही है 

मैं अब भी सुनता हूं वहीं ग़ज़लें

मेरा तुझको लिखना वैसे ही है 

तुम शायद अब पहली सी नही रही

पर मेरा तुझको देखना वैसे ही है

मैं तुझको महसूस कर सकता हूं अब भी 

बिस्तर में तेरी खुशबू वैसे ही है